Mumbai: बड़ी दुर्घटना, आग में सात लोगों की मौत, तीन बच्चे भी शामिल
Mumbai के चेंबूर इलाके में एक बड़ा हादसा हुआ है, जिसमें एक ही परिवार के सात सदस्यों की आग में जलकर मौत हो गई। इस दुखद घटना में तीन मासूम बच्चे भी अपनी जान गंवा चुके हैं। हादसा चेंबूर की सिद्धार्थ कॉलोनी में स्थित एक दुकान में लगी आग के कारण हुआ। यह घटना सुबह करीब 5 बजे की है, जब परिवार के लोग अपने घर में सो रहे थे। हादसे में मारे गए लोगों की पहचान कर ली गई है, जिसमें परिवार के तीन बच्चे और अन्य सदस्य शामिल हैं।
दुकान में लगी आग ने घर को भी अपनी चपेट में लिया
घटना चेंबूर के ए.एन. गायकवाड़ मार्ग पर हुई, जो चेंबूर ईस्ट इलाके में स्थित है। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) के अनुसार, आग एक दुकान में लगी थी जो ग्राउंड फ्लोर पर थी और परिवार उस दुकान के ऊपर स्थित मकान में रह रहा था। आग ने पहले दुकान को अपनी चपेट में लिया और फिर धीरे-धीरे ऊपर स्थित घर तक फैल गई। इस कारण पूरे परिवार के लोग आग की चपेट में आ गए और उन्हें बचाया नहीं जा सका।
घटना के समय परिवार गहरी नींद में था, जिसके कारण उन्हें भागने का मौका भी नहीं मिला। दुकान में रखे बिजली के तारों और उपकरणों में शॉर्ट सर्किट होने के कारण आग लगी, जो देखते ही देखते भयंकर रूप से फैल गई।
हादसे में मारे गए लोगों की पहचान
इस हादसे में सात लोगों की मौत हुई है, जिसमें तीन बच्चे भी शामिल हैं। मृतकों की पहचान इस प्रकार है:
- पारस गुप्ता (7 वर्ष)
- नरेंद्र गुप्ता (10 वर्ष)
- मंजू प्रेम गुप्ता (30 वर्ष)
- प्रेम गुप्ता (30 वर्ष)
- अनिता गुप्ता (30 वर्ष)
- विदि छेदीराम गुप्ता (15 वर्ष)
- गीता देवी धर्मदेव गुप्ता (60 वर्ष)
इस दुखद घटना में मारे गए बच्चों की मासूमियत ने सभी को स्तब्ध कर दिया है। स्थानीय निवासियों और प्रशासन में गहरी शोक की लहर फैल गई है।
आग बुझाने में चार घंटे लगे
आग की सूचना मिलते ही तुरंत दमकल विभाग को घटना स्थल पर बुलाया गया। दमकल की गाड़ियां तुरंत मौके पर पहुंचीं और आग बुझाने के प्रयास शुरू किए गए। आग बुझाने में दमकल कर्मियों को करीब चार घंटे लगे। सुबह 9:15 बजे तक आग पर काबू पा लिया गया था।
हालांकि, जब तक आग पर काबू पाया गया, तब तक पूरा परिवार आग की चपेट में आ चुका था। घटना स्थल पर जले हुए शवों को राजावाड़ी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने सभी को मृत घोषित कर दिया।
शॉर्ट सर्किट से लगी आग
प्रारंभिक जांच में यह बात सामने आई है कि आग का कारण शॉर्ट सर्किट था। दुकान में लगे बिजली के तारों और अन्य इलेक्ट्रिक उपकरणों में अचानक शॉर्ट सर्किट हुआ, जिससे आग फैल गई। शॉर्ट सर्किट की वजह से लगी इस आग ने पहले दुकान को अपनी चपेट में लिया और फिर ऊपर स्थित मकान में फैल गई, जिससे यह बड़ी दुर्घटना हुई।
दमकल विभाग के अधिकारियों ने कहा कि यह आग बहुत तेजी से फैली और इतनी बड़ी हो गई कि उसमें बचाव कार्य करना मुश्किल हो गया। हालांकि, स्थानीय निवासियों और दमकल विभाग की मदद से आग पर नियंत्रण पा लिया गया, लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी।
स्थानीय निवासियों का दर्द
इस हादसे ने चेंबूर के निवासियों को गहरा आघात पहुंचाया है। स्थानीय लोग इस हादसे से स्तब्ध और दुखी हैं। मृतकों के परिवार के पड़ोसी और जान-पहचान के लोग इस घटना को लेकर गहरा शोक व्यक्त कर रहे हैं। एक स्थानीय निवासी ने कहा, “यह बहुत ही हृदयविदारक घटना है। पूरा परिवार एक ही झटके में खत्म हो गया। बच्चों की मौत ने सभी को भीतर तक हिला दिया है।”
इस घटना ने आग की सुरक्षा उपायों और सुरक्षा मानकों की भी गंभीरता से जांच की आवश्यकता को फिर से उजागर किया है। कई निवासियों ने कहा कि इलाके में आग से बचाव के उचित इंतजाम नहीं हैं और इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने की जरूरत है।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
इस दुर्घटना के बाद स्थानीय प्रशासन और पुलिस ने घटना स्थल का दौरा किया और स्थिति का जायजा लिया। बीएमसी के अधिकारियों ने इस बात की पुष्टि की कि दुकान में शॉर्ट सर्किट के कारण आग लगी थी, जो बाद में घर तक फैल गई। इसके साथ ही, प्रशासन ने इस घटना के बाद इलाके में बिजली के तारों और अन्य सुरक्षा उपायों की जांच करने का आदेश दिया है।
बीएमसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, “हम इस घटना की पूरी जांच कर रहे हैं और सुनिश्चित करेंगे कि भविष्य में इस तरह की घटनाएं न हों। सभी दुकानों और घरों में बिजली के उपकरणों की जांच की जाएगी और आग से बचाव के उपायों को और सख्त किया जाएगा।”
सुरक्षा उपायों की अनदेखी का परिणाम
इस घटना ने एक बार फिर से यह साबित कर दिया है कि आग से बचाव के उपायों को अनदेखा करना कितना खतरनाक हो सकता है। बिजली के उपकरणों और तारों की नियमित जांच न होने के कारण अक्सर शॉर्ट सर्किट जैसी घटनाएं होती हैं, जो बड़ी दुर्घटनाओं का कारण बनती हैं।
इस तरह की घटनाओं से बचने के लिए यह जरूरी है कि सभी भवनों, दुकानों और घरों में आग से बचाव के उपकरण लगे हों और बिजली के तारों और उपकरणों की समय-समय पर जांच हो। साथ ही, लोगों को भी आग से संबंधित सुरक्षा नियमों के प्रति जागरूक किया जाना चाहिए।